Wednesday, December 15, 2021
Motivation: Eat Right and Eat Mindfully
Saturday, September 11, 2021
Wellness Point: How To Drink Water
- Milan K. Sinha, Stress Management & Wellness Consultant
Italian polymath of the highest order Leonardo da Vinci says, “Water is the driving force of all nature.” We also know well that “WATER is LIFE”; if there is no water, there is no future for all living beings; the human body contains more than 60% water; our mother earth has 71% water; our dependence on the water cycle is immense. French scientist and explorer Jacques Yves Cousteau rightly asserts, “We forget that the water cycle and the life cycle are one.”
Dr. Fereydoon
Batmanghelidi, an internationally
renowned researcher, author and advocate of the natural healing power of water
says that “Water is the basis of all life and that includes our body. Our
muscles that move our body are 75% water; our blood that transports nutrients
is 82% water; our lungs that provide oxygen are 90% water; our brain that is
the control center of our body is 76% water; even our bones are 25% water.”
Can anyone deny
these facts? Actually water related issues have many dimensions. In fact,
our health is truly dependent on the quality and quantity of water we drink. Notwithstanding
these facts, we are yet to learn well when to drink water and how and how much
to drink water? This question may
seem to be funny and insignificant at first sight but if we go through next few
lines, we would surely appreciate the importance of it.
In fact, drinking
water has a system and a pattern to be followed in order to stay healthier. To
say, if we
learn and practise the proper way of drinking water, we can keep our body
adequately hydrated and reasonably toxin free thereby reaping significant
health benefits. To put it
precisely, it is desirable for us to drink about three to four litres of water
daily depending upon the season, our body type and nature of physical activity.
We should take water slowly while seated comfortably. It is better to feel that
water is going down our stomach slowly and effectively through the food pipe
called oesophagus in medical terminology to quench our thirst and keep all
organs active.
Experts do opine
1) not to drink water in between
any meal, just before or after any meal. Truly speaking, we should drink water 30
to 40 minutes before and after any meal. 2) To keep the body hydrated during
sleeping hours to avoid the possibility of brain and heart strokes at night. 3)
To take few sips of water, whenever we feel stressed for whatever reason. It
gives immediate relief.
Drinking two glass
of water, preferably lukewarm with two spoonful lemon juice poured in it during
morning hours in empty stomach is highly advantageous for our health - heart,
belly, intestine and eyes in particular. For added benefits, some honey (one
spoonful, if you are not diabetic) can be added or some salt, preferably
pink salt (quarter spoonful, if you don’t have high BP problem).
What about drinking
"Luke Warm Water" instead of cold water as a matter of routine? Undoubtedly,
it is always better to have lukewarm water than cold water. Health experts are
of the view that by drinking lukewarm water, body fat deposits and toxins
circulating in the blood are eliminated slowly from the body. It also helps
improve blood circulation and lowers the risk of various health complications
due to the presence of toxins in the body.
In
fact, drinking lukewarm water has other inter- related health benefits. It
helps in nasal and throat congestion, digestion, reduction of body weight,
prevention of pimples and acne, prevention of premature aging and skin
infections, to name a few. Drinking lukewarm water has another big advantage - we are at a relatively
lower risk of falling prey to a number of water borne diseases.
In short, if we
practice the art of drinking water, many of our health problems and diseases
which include Arthritis, Heart burn, Migraine, Constipation, Colitis, Kidney
problems, Asthma, High BP and Back pain, will be mitigated, if not completely
eliminated without incurring any extra cost.
Finally, here’s a point of caution: In case you are under treatment of any disease or under any medical supervision, do follow the prescription of your doctor and/or seek his/her medical advice on the subject.
As always, I'm keen to know what you think on this subject. Hence, request you to post comments to share your views and experiences. Stay healthy and happy.
# Published in Popular Newspaper "Morning India" # Click here to enjoy my Blog in Hindi, "Chalte, Chalte" (चलते, चलते)
Wednesday, July 21, 2021
आपका स्वास्थ्य आपके हाथ
- मिलन सिन्हा, मोटिवेशनल स्पीकर एवं स्ट्रेस मैनेजमेंट कंसलटेंट
हाल ही में केन्द्र सरकार ने एक ऐसा निर्णय लिया जिससे प्लस टू के लाखों परीक्षार्थियों के चेहरे खिल गए, उनका मन हल्का हो गया और तनाव काफूर. दरअसल, प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई एक अहम बैठक में विद्यार्थियों में कोरोना संक्रमण के बढ़ने की आशंका और खतरों के मद्देनजर सीबीएसई 12वीं बोर्ड की परीक्षा को रद्द करने का फैसला किया गया. केंद्र सरकार के इस निर्णय के बाद सीआईएससीई और कई राज्यों के परीक्षा बोर्ड ने भी अपने यहां की 12वीं बोर्ड की परीक्षा को रद्द करने की घोषणा कर दी. सरकार के इस फैसले के बाद अनेक छात्रों और उनके अभिभावकों ने प्रधानमन्त्री, शिक्षा मंत्री और बोर्ड अधिकारियों के प्रति आभार व्यक्त किया. बाद में प्रधानमंत्री ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से आयोजित एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम छात्रों और उनके अभिभावकों से खुलकर बात की. उन्होंने कहा कि छात्रों के व्यापक हित में यह फैसला किया गया, जिससे कि हमारे विद्यार्थियों के स्वास्थ्य के साथ-साथ उनके भविष्य की भी रक्षा हो सके. साफ़ तौर पर प्रधानमंत्री विद्यार्थियों के स्वास्थ्य के प्रति फिक्रमंद रहे और उनको स्वास्थ्य संबंधी जोखिमों से बचाने हेतु उन्होंने यह अहम कदम उठाया. बहरहाल, अब विद्यार्थियों के लिए यह विचारणीय सवाल है कि वे कोरोना महामारी या अन्य किसी भी परिस्थिति में कैसे खुद को मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रख सकें. कहने की जरुरत नहीं कि इस मामले में हजारों चुनौतियों और जोखिमों के बावजूद प्रधानमन्त्री ने पूर्णतः स्वस्थ रहकर उनके सामने एक ज्वलंत उदाहरण पेश किया है. खैर, सच्चाई यह है कि मूल रूप से विद्यार्थियों का स्वास्थ्य खुद उनके हाथ में ही है. कैसे? आइए यहां कुछ आसान उपायों की चर्चा करते हैं.
कहते हैं न कि मुश्किल नहीं है कुछ भी अगर ठान लीजिए. तो कुछ भी हो जाए, सेहतमंद रहना है, इस संकल्प के साथ दिन की शुरुआत कीजिए. अंग्रेजी में कहते हैं मॉर्निंग शोज दि डे. अर्थात सुबह की अच्छी या बुरी शुरुआत ही दिन के अच्छा या बुरा गुजरने का संकेत होता है. अतः सुबह जल्दी उठने की कोशिश करनी चाहिए. इसके लिए रात में जल्दी सोना अनिवार्य है, क्यों कि 7-8 घंटे की रात में नींद शरीर को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक है. सुबह उठकर पहले शरीर को जलयुक्त यानी हाइड्रेटेड करें. सभी विद्यार्थी जानते हैं कि मानव शरीर में 65-70 प्रतिशत पानी होता है जिसे हर समय कमोबेश उस स्तर पर बनाया रखना बेहतर होता है. रोचक और जानने योग्य बात यह है कि पानी पीने की एक कला होती है, जिसके अंतर्गत बुनियादी तौर पर सुबह-सुबह कम-से-कम आधा लीटर पानी पीना, पानी हमेशा आराम से बैठकर पीना, खाने के बीच में या खाने से तुरत पहले या तुरत बाद में पानी नहीं पीना शामिल है. दिनभर में मौसम और अपने शारीरिक जरुरत के हिसाब से ढ़ाई से तीन लीटर पानी जरुर पीएं. पानी पीने में छात्र-छात्राएं इतना भी अनुशासन रख सकें तो न केवल सेहतमंद रह सकते हैं, बल्कि कई रोगों से बचे रह सकते हैं.
खेलकूद, व्यायाम और योगाभ्यास शरीर को सक्रिय और स्वस्थ रखने में बहुत बड़ी भूमिका अदा करता है. दिनभर के रूटीन में इसे जरुर शामिल कीजिए. और सिर्फ शामिल करके जैसे-तैसे इसे मत निबटाइए. जितना समय इस काम के लिए निर्धारित करें, उसका मनोयोग से आनंदपूर्वक सदुपयोग कीजिए. शरीर के इम्यून सिस्टम एवं मेटाबोलिज्म को मजबूत बनाए रखने के लिए यह बहुत जरुरी है. कुछ न कर सकें या कोरोना काल में बाहर जाना मुनासिब न समझें तो घर में ही स्पॉट जम्पिंग-रनिंग, फ्री हैण्ड एक्सरसाइज और कुछ योगाभ्यास कर लें.
बुनियादी तौर पर स्वाद के बजाय स्वास्थ्य को केन्द्र में रखकर खानपान करें. खाना खाने में कभी भी जल्दबाजी न करें. आराम से बैठ कर खूब चबाकर और खाने को एन्जॉय करते हुए खाएं. खाना पौष्टिक और सुपाच्य हो, यह बहुत जरुरी है. इसके लिए साबूत अन्न, दाल, मौसमी और हरी सब्जी, मौसमी फल, दूध, दही, ड्राई फ्रूट्स आदि को भोजन में शामिल करें. सुबह का नाश्ता सबसे पौष्टिक और मात्रा में ज्यादा हो. रात में हल्का भोजन करें और वह भी रात आठ से नौ बजे के बीच. जंक, पैकेज्ड, प्रोसेस्ड, फ्रोजेन फ़ूड और कोल्ड ड्रिंक्स आदि स्वाद में तो अच्छे हो सकते हैं, लेकिन सेहत के लिए यकीनन अच्छे नहीं होते हैं. हाँ, अल्कोहल, सिगरेट, गुटखा और अन्य नशीली चीजों से बराबर दूर रहें. एक बात और. खाते वक्त टीवी, मोबाइल, लैपटॉप आदि पर इंगेज न रहें और न ही आपस में कोई विवादित चर्चा करें. सार संक्षेप यह कि अच्छा सोचेंगे, करेंगे और खायेंगे तो बराबर स्वस्थ रह पायेंगे.
(hellomilansinha@gmail.com)
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Sunday, June 13, 2021
अच्छी सेहत के लिए जरुरी यह काम, रोज टहलें सुबह या शाम
- मिलन सिन्हा, हेल्थ मोटिवेटर एवं स्ट्रेस मैनेजमेंट कंसलटेंट
Saturday, May 29, 2021
अच्छी नींद से मजबूत बनेगा इम्यून सिस्टम
- मिलन सिन्हा
कोविड 19 वैश्विक महामारी के मौजूदा दौर में इम्युनिटी स्वास्थ्य एवं चिकित्सा चर्चा के केंद्र में आ गया है. इम्युनिटी बढ़ाने के लिए कई तरीके बताए जा रहे हैं, जिससे कि कोविड19 वायरस से बचाव हो सके. रोचक बात है कि इम्युनिटी बूस्टर के नाम से इस समय बाजार में अनेक सामान भी बिक रहे हैं, जिनमें अधिकतर पहले भी उपलब्ध थे, बगैर इस कथित विशेषता के विज्ञापन के. बहरहाल, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा क्षेत्र में काम करनेवाले विशेषज्ञों के साथ-साथ स्वास्थ्य के प्रति जागरूक नागरिकों को सेहतमंद बने रहने और रोगों से बचे रहने में मजबूत इम्यून सिस्टम की अहमियत अच्छी तरह मालूम है. यकीनन, इसमें जीवनशैली से जुड़ी कई बातों का योगदान होता है, जिसमें नींद की बड़ी भूमिका है, जिसे व्यवहारिक जीवन में हम अपेक्षित महत्व नहीं देते.
काबिले गौर है कि यहां नींद का मतलब अच्छी नींद से है, बिछावन पर मात्र लेटे रहने से नहीं है. और अच्छी नींद का सरल अर्थ है रात में अच्छी तरह सोना जिससे कि सुबह उठने पर आप अच्छा और तरोताजा महसूस करें.
बताते चलें कि लाइफ में सोना यानी गोल्ड नहीं, सोना यानी स्लीप (नींद) कहीं ज्यादा अहम है. नींद न केवल हमारी जिन्दगी में सुख का बेहतरीन समय होता है, बल्कि शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य की दृष्टि से यह हमारी आवश्यकता है, कोई विलासिता नहीं. नींद के दौरान शरीर रूपी इस जटिल, किन्तु अदभुत मशीन की रोजाना सफाई, रेपियरिंग और रिचार्जिंग होती रहती है. तभी तो दिनभर की थकान, रात की अच्छी नींद से काफूर हो जाती है और हमारी सुबह पुनः भरपूर ऊर्जा, उत्साह एवं उमंग से भरी हुई महसूस होती है. इसलिए नींद को अनेक विशेषज्ञों ने दवाइयों का महाराजा तक की उपाधि दी है.
हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि आधुनिक जीवनशैली एवं तकनीक आधारित कार्यशैली के समेकित प्रभाव ने नींद को दुष्प्रभावित किया है. देर रात तक मोबाइल-लैपटॉप आदि पर व्यस्त रहना और सुबह देर तक सोना या चार-पांच घंटे की नींद के बाद ही किसी कारणवश जल्दी उठने की बाध्यता, आज के बहुत सारे लोगों, खासकर कामकाजी युवाओं एवं अध्ययनरत विद्यार्थियों की आम दिनचर्या हो गई है. इस तरह की जीवनशैली व कार्यशैली के कारण बड़ी संख्या में लोग अनेक प्रकार के स्लीप डिसऑर्डर से परेशान रहते हैं. ऐसे लोग कई बार 7-8 घंटे तक सोने के बाद भी सुबह आलस्य, तनाव व थकान महसूस करते हैं. अच्छी तरह और मोटे तौर पर नियमित रूप से पर्याप्त नींद के अभाव में नींद का बकाया या सोने का कर्ज यानी स्लीप डेट की परेशानी होती है. इसके परिणाम स्वरुप आदमी को बराबर नींद की तलब होती है और वह अपने काम में फोकस नहीं कर पाता है. इसके हेल्थ संबंधी अनेक दुष्प्रभाव हैं, जिसमें हमारे इम्यून सिस्टम पर होने वाला दुष्प्रभाव भी शामिल है.
अनेक हेल्थ एवं मेडिकल रिसर्च के साथ-साथ समय-समय पर किए जानेवाले सर्वेक्षण स्पष्ट रूप से यह बताते रहे हैं कि अपर्याप्त और अनियमित नींद से जुड़ी समस्याओं से बड़ी संख्या में लोग पीड़ित हो रहे हैं. सोना चाहें और सो नहीं पाएं, यह वाकई विकट समस्या है. इससे निजात पाने के लिए कुछ लोग तो नियमित रूप से शराब या नींद की गोली का सेवन करते हैं, जिससे उन्हें फौरी तौर पर लाभ मिलता प्रतीत होता है, लेकिन यह आदत कई अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्या पैदा करता है. इस चक्रव्यूह में फंसकर वे लोग अपना और अधिक नुकसान कर लेते हैं. ऐसा इसलिए कि अनिद्रा की समस्या से ग्रसित लोगों की इम्युनिटी तो ऐसे ही कमजोर हो जाती है और उपर से शराब और नींद की गोली का सेवन. जाहिर तौर पर अनिद्रा से ग्रसित ऐसे लोगों के विभिन्न शारीरिक व मानसिक प्रोब्लम्स के चपेट में आने की संभावना बढ़ जाती है. मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदयाघात, ब्रेन स्ट्रोक, अस्थमा, डिप्रेशन, मेमोरी लॉस, स्ट्रेस, मोटापा आदि इनमें शामिल हैं.
अब सवाल है कि आज के चुनौतीपूर्ण दौर में अनिद्रा की समस्या से बचे रहने के लिए कौन से सरल उपाय हैं, जिससे हमारा इम्यून सिस्टम मजबूत बना रहे? आइए जानते हैं:
- दिनभर के रूटीन में रात की नींद के लिए कम-से-कम सात घंटा नियत कर लें.
- सोच सकारात्मक, खानपान संतुलित और शारीरिक सक्रियता जरुरी है.
- वाकिंग, व्यायाम, योगासन, प्राणायाम और ध्यान को रूटीन का हिस्सा बनाएं.
- शरीर को बराबर हाइड्रेटेड एंड ऑक्सीजिनेटेड यानी जलयुक्त व ऑक्सीजनयुक्त रखें.
- रात का खाना हल्का और सुपाच्य हो.
- डिनर टाइम सोने से कम-से-कम एक घंटा पहले हो.
- रात में 10 से 11 बजे के बीच सोने की और सुबह 6 बजे से पहले उठने की कोशिश करें.
- सोने से घंटे भर पहले मोबाइल-लैपटॉप-टीवी आदि से नाता न रखें. मोबाइल को बेड से दूर रखें और साइलेंट मोड में भी.
- सोने से पहले कोई मोटिवेशनल या अध्यात्मिक किताब पढ़ें या लाइट म्यूजिक सुनें.
- दिन में ज्यादा देर तक न सोएं.
- सोने से पहले चाय, कॉफ़ी, शराब, सिगरेट, गुटखा आदि का सेवन न करें.
- बिछावन साफ़-सुथरा और कमरा हवादार हो. सोते वक्त लाइट बंद कर दें.
- सोने से पहले दूध में थोड़ा हल्दी या शहद या दालचीनी मिलाकर पीने से नींद अच्छी आती है. इसके और कई लाभ हैं.
- सोने के लिए बिछावन में जाने से पूर्व पैर धोकर पोंछ लें. फिर तलवों में सरसों के तेल से मालिश करें. नींद अच्छी आएगी. (लेखक हेल्थ मोटिवेटर, स्ट्रेस मैनेजमेंट एंड वेलनेस कंसलटेंट हैं)
Wednesday, April 28, 2021
कोरोना संक्रमण के दूसरे दौर में जरूरी हैं ये कदम
- मिलन सिन्हा
कोविड -19 का संक्रमण एक बार फिर गंभीर रूप ले रहा है. यह अच्छी बात है कि पहली मई से 18 वर्ष से ऊपर के सभी लोगों को वैक्सीन की सुविधा उपलब्ध होने वाली है. प्रधानमन्त्री ने एकाधिक बार कहा है कि दवाई भी और कड़ाई भी. कहने का तात्पर्य यह कि अधिक-से-अधिक लोग टीका लगवाएं और कोविड -19 से संबंधित दिशा निर्देशों का कड़ाई से पालन करें. आप अपने सेहत के साथ ही दूसरों की सेहत का भी ख्याल रखें. बेशक, टीकाकरण अभियान रफ़्तार में है, लेकिन यह मत भूलें किकोरोना का संक्रमण भी चरम पर है. अभी तक के मामलों पर नजर डालें तो सुरक्षित वही लोग हैं, जो सुरक्षा उपायों को अपनाने के साथ सेहत के प्रति गंभीर हैं. तो आइए, संक्रमण के इस नए दौर में कुछ जरुरी बातों पर अमल की चर्चा करते हैं:
1. लापरवाही कतई न बरतें. हमेशा सावधान रहें, क्यों कि हर हालत में सावधानी ही सबसे बड़ी सुरक्षा है.
2. सरकारी दिशानिर्देशों का पूरा पालन करें जैसे मास्क लगाना, सोशल डिस्टेंसिंग, हैण्ड वाशिंग आदि. भीड़वाले स्थान में या तो न जाएं या वहां अतिरिक्त सावधानी बरतें. इस मामले में परिजनों और मित्रों को भी प्रेरित करने का प्रयास करें.
3. अगर वैक्सीन लेने की अहर्ता है यानी अबतक के गाइडलाइन्स के अनुसार 18 साल से ऊपर के हैं, तो यथाशीघ्र टीका लगवाएं. हाँ, वैक्सीन के दोनों डोज लगने के बाद भी मास्क आदि की जरुरी सावधानी बरतना न छोड़ें.
4. टीका लगे या न लगे, अपने बचाव और सुरक्षा के लिए निम्नलिखित उपाय जरुर करें:
i) हर महीने तीन दिन सुबह खाली पेट होमियोपैथी की दवा आर्सनिक एल्बम -30 की तीन बूंदों या चार-पांच गोलियों का सेवन करें.
ii) हो सके तो दिनभर गुनगुने पानी का सेवन करें. कम-से-कम सुबह उठने के बाद और रात में सोने से पहले तो जरुर करें. बहुत लाभ मिलेगा.
iii) फिलहाल घर पर ही रह कर व्यायाम और योगाभ्यास करें. प्राणायाम यानी ब्रीदिंग एक्सरसाइज में कम-से-कम अनुलोम-विलोम, कपालभाती और भ्रामरी कर लें.
iv) प्राकृतिक रूप से उपलब्ध चीजों - फल, सब्जी, अनाज, दाल आदि का यथोचित मात्रा में सेवन करें जिससे कि प्रोटीन आदि के अलावे खासकर विटामिन सी, बी और डी मिल सके और साथ ही जिंक, आयरन, मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स भी मिल जाएं. प्राकृतिक रूप से पर्याप्त मात्रा न मिले तो सप्लीमेंट के रूप में सेवन करें. नींबू, आंवला और शहद को भी डाइट में शामिल करें. इससे आपके इम्यून सिस्टम को स्ट्रांग बनाए रखने में मदद मिलेगी.
v) दिनभर में कम से कम दो बार काढ़ा पीएं या ग्रीन टी का सेवन करें - एक बड़े कप में खूब आराम से. अन्य आयुर्वेदिक एवं प्राकृतिक उपचार का सहारा भी ले सकते हैं.
vi) फ़ास्ट फ़ूड, जंक फ़ूड, कोल्ड ड्रिंक, अल्कोहल आदि को भूल जाएं. यथा संभव ताजा घरेलू खाना खाएं.
vii) नाश्ता जरुर करें वह भी बहुत पौष्टिक. रात का खाना हल्का हो और हो सके तो नौ बजे से पहले कर लें. संक्रमण के इस दौर में कुछ दिनों तक सुबह नाश्ते से पहले और रात में सोने से पहले एक चम्मच च्वयनप्राश का सेवन बहुत लाभकारी होगा.
viii) जब भी मौका मिले संगीत का आनंद लें. परिजनों के साथ क्वालिटी टाइम बिताएं और रात में 7-8 घंटे अच्छी नींद लें.
ix) संक्रमण का थोड़ा भी अंदेशा हो या लक्षण दिखाई दे तो कोरोलिन एवं श्वासरी की गोली का सेवन शुरू कर सकते हैं. साथ-ही-साथ कोरोना संक्रमण का टेस्ट भी करवा लें.
x) संक्रमित हो जाने पर छुपाएं नहीं और एकदम नहीं घबराएं. सोच सकारात्मक और मनोबल ऊँचा रखें. अपवाहों पर ध्यान न दें. सावधानी के बावजूद बेशक कम संख्या में ही सही, कोरोना संक्रमण किसी को भी हो सकता है और इसका इलाज उपलब्ध है. बस इलाज की प्रक्रिया का अच्छी तरह पालन करें. सब बढ़िया होगा. (लेखक वेलनेस कंसलटेंट एंड मोटिवेशनल स्पीकर हैं)
(hellomilansinha@gmail.com)
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Saturday, March 27, 2021
फिट हैं, तो हिट हैं
- मिलन सिन्हा
हाल ही में प्रधानमंत्री ने "फिट इंडिया मूवमेंट" की पहली वर्षगांठ के अवसर पर ऑनलाइन फिट इंडिया संवाद के दौरान देश के कुछ प्रमुख लोगों से संवाद किया और यह जानने की कोशिश की कि आखिर वे किस तरह अपने को फिट रखते हैं. इन चुनिन्दा लोगों में भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान, एक योग गुरु, एक महिला फुटबॉल खिलाड़ी, एक मॉडल व फिल्म एक्टर, एक डायटीशियन और केन्द्रीय खेल मंत्री भी शामिल थे. इन लोगों ने प्रधानमंत्री और देश के साथ जो बातें साझा की उससे एक बात समान रूप से उभरकर आई कि ये सभी लोग अपने को फिट रखने के लिए पूर्णतः प्रतिबद्ध हैं और तदनुरूप अपनी दिनचर्या में उसे महत्वपूर्ण स्थान देते हैं.
छात्र-छात्राओं को याद होगा कि पिछले साल प्रधानमंत्री द्वारा एक जन आंदोलन के रूप में फिट इंडिया मूवमेंट की शुरुआत की गई थी जिससे कि देशवासियों में, जिनमें युवाओं की संख्या 65 प्रतिशत से ज्यादा है, फिटनेस के प्रति लगाव बढ़े और फिटनेस हर भारतीय के जीवन का अभिन्न हिस्सा बन सके. उनका कहना है कि "सफलता का कोई एलिवेटर नहीं होता, सीढ़ी पर चढ़ने के लिए कदम उठाने ही पड़ते हैं. फिटनेस और सफलता के बीच अटूट रिश्ता होता है. अतः हर किसी को फिटनेस की अपनी लकीर बड़ी करने पर मेहनत करनी चाहिए." अच्छी बात है कि इस अभियान के तहत गत एक साल के दौरान देशभर में अनेक कार्यक्रम आयोजित किए गए जिसमें बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने भी आगे बढ़कर भाग लिया.
इस संवाद के दौरान क्रिकेटर विराट कोहली ने कहा कि शरीर के साथ दिमाग को भी फिट रखने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि वे क्रिकेट का प्रैक्टिस सेशन तो मिस कर सकते हैं, लेकिन अपना फिटनेस सेशन नहीं. कोहली ने फिटनेस के लिए सही डाइट और नींद की अहमियत भी बताई. फिट इंडिया संवाद के दौरान बिहार स्कूल ऑफ़ योग, मुंगेर के स्वामी शिवध्यान सरस्वती ने योगाभ्यास के विविध फायदों के विषय में बताते हुए मंत्र, आसन, प्राणायाम, शिथिलीकरण और ध्यान रूपी योग कैप्सूल की चर्चा की जिससे कि कम समय में लोग योग का अधिकतम लाभ ले पाएं. जम्मू-कश्मीर की रहनेवाली महिला फुटबॉलर अफशां आशिक ने अपनी फिटनेस की कहानी साझा करते हुए यह बताया कि कश्मीर की ताजी हवा उन्हें फिट रखने में काफी मदद करती है. उनके प्रदेश की लड़कियां फिटनेस के प्रति जागरूक हैं. एक्टर मिलिंद सोमन ने कहा कि फिट इंडिया मूवमेंट से लोगों तक फिटनेस की सही जानकारी पहुंचेगी. उन्होंने कहा कि उन्हें जितना भी समय मिलता है वे खुद को फिट रखने के लिए कुछ न कुछ करते हैं. वे जिम नहीं जाते हैं और न ही किसी फिटनेस मशीन का इस्तेमाल करते हैं. सार संक्षेप यह कि जहां चाह, वहां राह.
इसमें कोई दो मत नहीं कि विद्यार्थियों समेकित विकास के लिए फिट रहना नितांत जरुरी है. अब सवाल है कि इसके लिए उन्हें जो तीन-चार बातें दिनचर्या में शामिल करनी चाहिए, वे क्या हैं?
1) सुबह जल्दी उठें: फिट रहने के लिए सुबह यानी सूर्योदय के आसपास उठना बहुत लाभकारी होता है. उस समय वायुमंडल अपेक्षाकृत साफ़ रहता है. ऑक्सीजन की मात्रा ज्यादा होती है और विषैले गैस की मात्रा कम. सूर्य के प्रकाश से तनमन ऊर्जा से भर जाता है. रात में अच्छी नीद के बाद सुबह की सकारात्मक सक्रियता विद्यार्थियों के बेहतर मानसिक विकास में अहम रोल अदा करता है. 2) शरीर को जलयुक्त रखें: सभी जानते हैं कि हमारे शरीर में दो तिहाई पानी होता है. मसल्स, हड्डी, ब्रेन, लंग्स सहित शरीर के अन्य अंगों को भी जल की जरुरत होती है. पानी की कमी से अनेक शारीरिक समस्या होती है. अतः सुबह उठने के बाद ही और दिनभर शरीर को जलयुक्त करें और रखें. इससे शरीर के सारे अंग ठीक ढंग से काम करते हैं. 3) एक्सरसाइज करें: शरीर को फिट रखने के लिए रोजाना कम-से-कम आधा घंटा एक्सरसाइज या योगाभ्यास करना जरुरी है. इसीलिए तो प्रधानमंत्री ने देशवासियों को 'फिटनेस का डो़ज, आधा घंटा रोज' का मंत्र दिया है. यहां नियमितता का बड़ा रोल है. 4) पौष्टिक आहार लें: फिटनेस के लिए पौष्टिक आहार का भी बहुत महत्व है. अतः अपने दैनिक आहार में अन्न, दाल, दूध, दही, घी, मौसमी सब्जी-फल आदि को शामिल करना आवश्यक है. हां, विद्यार्थियों को अपने इलाके में प्रचलित खानपान से खुद को जोड़े रखना चाहिए, क्यों कि हर इलाके की प्राकृतिक स्थिति के अनुरूप वहां खानपान का एक सिस्टम होता है जिससे सामान्यतः वहां के लोगों की शारीरिक जरूरतें पूरी हो जाती हैं. , (लेखक मोटिवेशनल स्पीकर एंड स्ट्रेस मैनेजमेंट कंसलटेंट हैं )
(hellomilansinha@gmail.com)
Saturday, February 27, 2021
जरुरी है उम्मीद का साथ
- मिलन सिन्हा
विश्वभर में कोरोना महामारी सहित कई वाजिब-गैरवाजिब कारणों से युवा बड़ी संख्या में बहुत तनाव में हैं. खुशी की बात है कि आम तौर पर हमारे युवाओं ने तनाव से हारने या पस्त होने के बजाय कोशिश और संघर्ष के मार्ग पर चलने को बेहतर समझा है. इसके पीछे उनकी यह सोच रही कि जीवन गतिमान है और मार्ग आसान हो या दुर्गम, सतत आगे बढ़ते रहना सबसे अच्छा विकल्प है. हां, उसके लिए मजबूत आत्मविश्वास का होना अनिवार्य होता है. इस मामले में प्रसिद्ध अमेरिकी फुटबॉलर जो नामथ का कहना बिल्कुल सही है कि "जब आपके अन्दर आत्मविश्वास होता है तब आप जीवन का खूब आनंद उठा सकते हैं. और जब आप आनंद उठाते हैं तब आप अदभुत चीजें कर सकते हैं ." महामारी के दौर में करोड़ों युवाओं ने इस भावना को अच्छी तरह चरितार्थ किया. हां, आत्मविश्वास और उम्मीद के दो आंतरिक सुरक्षा वैक्सीन के साथ-साथ अब तो उनके पास भारतीय चिकित्सा वैज्ञानिकों द्वारा तैयार दो वैक्सीन का सौगात भी है. लिहाजा आगे उत्साह और उमंग से जीने की भावना और मजबूत होगी, इसमें कोई दो मत नहीं.
यहां स्वामी विवेकानंद का यह कथन भी काबिलेगौर है. वे कहते हैं कि "किसी दिन, जब आपके सामने कोई समस्या ना आए तो आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं." कहने का तात्पर्य यह कि इस एक बात को मन में ठान लें कि कुछ भी हो घबराना नहीं है और समस्या से भागने का प्रयास नहीं करना है. इतने से ही आपमें पॉजिटिव चेंज आएगा और आप पॉजिटिव एनर्जी से भरते जायेंगे. मनोवैज्ञानिक मानते और कहते हैं कि स्वस्थ, उत्साहित व ऊर्जावान रहने के लिए जीवन में उम्मीद का साथ होना आवश्यक है. मार्टिन लूथर किंग जूनियर ने क्या खूब कहा है कि हमें सीमित निराशा को स्वीकार तो करना चाहिए, परन्तु अनंत उम्मीदों का साथ नहीं छोड़ना चाहिए.
मेरे ऐसे कई युवा मित्र हैं जो निराशा या चिंता या तनाव के पल में बचपन में पढ़ी प्रख्यात कवि मैथिलीशरण गुप्त और रामधारी सिंह दिनकर की दो कविताओं की बस दो-दो पंक्तियां एक-एक बार गुनगुना लेते हैं. कहते हैं, इससे उन्हें प्रेरणा मिलती है, उनमें आशा और शक्ति का संचार होता है. गुप्त जी लिखते हैं, "नर हो न निराश करो मन को, कुछ काम करो, कुछ काम करो, जग में रहकर कुछ नाम करो ... " और दिनकर जी की कविता की दो पंक्तियां हैं, "खम ठोक ठेलता है जब नर, पर्वत के जाते पांव उखड़. मानव जब जोर लगाता है, पत्थर पानी बन जाता है..." आप भी तनाव व चिंता के क्षणों में गुनगुनाकर देख सकते हैं. अच्छा फील करेंगे. आनेवाले दिन तो यकीनन बेहतर होंगे ही. (लेखक मोटिवेशनल स्पीकर एवं स्ट्रेस मैनेजमेंट कंसलटेंट हैं)
Friday, February 26, 2021
Wellness Point: Simple Secret of Success
-MILAN K. SINHA, Motivational Speaker & Wellness Consultant
Passion: American writer and speaker Eric Thomas says “I need no alarm clock, my passion wakes me up.” Great spiritual thinker Swami Vivekananda says it with more clarity and conviction, “Take up one idea. Make that one idea your life or passion – think of it, dream of it, and live on that idea. Let the brain, muscles, nerves, every part of your body, be full of that idea, and just leave every other idea alone. This is the way to success.” It’s absolutely correct. When any student takes the study passionately, there is no question of not getting better results in any examination or competition. All students must be aware of the amount of passion the founder of famous Apple Company, Mr Steve Jobs had towards his work or profession.
Planning: Hopefully, the significance of planning is known to all. Everybody knows its value, but how much? This is the moot question. Many management experts in their own way accepted the fact that if you want to move forward in life without any planning, you are moving with a definite plan to fail. Famous management expert and trainer Dale Carnegie says, “An hour of planning can save you ten hours of doing.” You too must have noticed few people around you who fail to achieve simple goals in life despite putting up hard labour. The reason is nothing but lack of planning. Hence, it is very necessary to embark on any important work or task with a full-proof meticulous planning.
Preparation: Without right preparation, you can’t think of success in any endeavour. Undeniably, incomplete preparation can only deliver incomplete results. Right preparation does mean that you move towards your goal with full preparation based on your planning. Taking up any task with this idea in mind and acting accordingly can be, over a period of time, your habit of addressing any issue or task in life. Obviously, this habit will go a long way in ensuring success in almost every test or competition. Renowned inventor and scientist Alexander Graham Bell says, “Before anything else, preparation is the key to success.”
Performance: Ultimately, your performance tells about your passion, planning and preparation. To say, despite your passion, planning and preparation being really up to the mark, still at the performance level if you fail for any reason whatsoever, then the final result or outcome can well be anticipated. So, it is imperative on your part to ensure best of performance at all times. At this point of time, it is better to keep in mind the golden words of famous industrialist and management master Henry Ford, "There is no man living who is not capable of doing more than he thinks he can do."
# Published in Patna Daily
Wednesday, January 13, 2021
संकल्प, संयम, कर्म व देशप्रेम के प्रतीक स्वामी विवेकानन्द
- मिलन सिन्हा
संकल्प, संयम, कर्म के प्रति निष्ठा और देशप्रेम की भावना स्वामी विवेकानंद (जन्म : 12 जनवरी, 1863, देहावसान : 4 जुलाई, 1902) के जीवन की कहानी खुद कहता है. इन विषयों पर उनके विचार हर व्यक्ति के लिए हमेशा प्रेरणादायक थे, हैं और रहेंगे. आइए, इन विषयों पर व्यक्त उनके विचारों से प्रेरणा लेते हैं.
संकल्प: जिस समय जिस काम का संकल्प करो, उस काम को उसी समय पूरा करो, अन्यथा लोग आप पर विश्वास नहीं करेंगे... ... जब तुम कोई कर्म करो, तब अन्य किसी बात का विचार ही मत करो. उसे एक उपासना के रूप में करो और उस समय उसमें अपना सारा तन-मन लगा दो... ...उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाये.
संयम: किसी भी काम को अच्छी तरह करने के लिए जरूरी है एकाग्रता.... ....हम इन्द्रियों पर संयम रखकर एकाग्रता प्राप्त कर सकते है.... .... मन का विकास करो तथा उसका संयम करो. उसके बाद जहां इच्छा हो, वहां इसका प्रयोग करो. इससे जल्दी सफलता मिलेगी.
कर्म: मनुष्य के रूप में हमारा पहला कर्त्तव्य यह है कि अपने प्रति घृणा न करें, क्योंकि आगे बढ़ने के लिए यह आवश्यक है कि पहले हम स्वयं में विश्वास रखें ... ...प्रत्येक मनुष्य का कर्त्तव्य है कि वह अपना आदर्श लेकर उसे चरितार्थ करने का प्रयत्न करें. दूसरों के ऐसे आदर्शों को लेकर चलने की अपेक्षा, जिनको वह पूरा ही नहीं कर सकता, अपने ही आदर्श का अनुसरण करना सफलता का अधिक निश्चित मार्ग है.
देशप्रेम: हमारा पवित्र देश भारत धर्म, दर्शन, अध्यात्म, प्रेम और मधुरता की पुण्य भूमि है. इन बातों में संसार के अन्य देशों की अपेक्षा हमारा देश अब भी श्रेष्ठ है. यहीं अनेक बड़े-बड़े महात्माओं एवं ऋषियों का जन्म हुआ है. यह संन्यास और त्याग की भूमि है. आदिकाल से अबतक यहां मानव जीवन के लिए सर्वोच्च आदर्श का द्वार खुला हुआ है.
आज स्वामी जी को सच्ची श्रद्धांजलि यह होगी कि हर भारतवासी स्वामी जी के व्यक्तित्व से सच्ची प्रेरणा लेकर देश को आत्मनिर्भर, समृद्ध और खुशहाल बनाने में व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से हरसंभव योगदान करें. (लेखक मोटिवेशनल स्पीकर एवं स्ट्रेस मैनेजमेंट कंसलटेंट हैं)
(hellomilansinha@gmail.com)